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Madhy Pradesh HSTET– 2023

  MP High School Teacher Eligibility Test (HSTET) – 2023 उच्च माध्यमिक शिक्षक अंग्रेजी (वर्ग- एक)  परीक्षा - 2023 की योजना एवं पाठ्यक्रम:   यह एक पात्रता परीक्षा है। पात्रता परीक्षा हेतु 150 अंकों का एक ही प्रश्नपत्र होगा। प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का होगा। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होंगे। इन विकल्पों में से कोई एक विकल्प ही सही होगा। ऋणात्मक मूल्यांकन (Negative Marking) का प्रावधान है। प्रति चार प्रश्नों के गलत उत्तर पर 01 अंक काट लिया जाएगा। इस परीक्षा की अवधि 2.30 घंटे की होगी। उक्त प्रश्नपत्र के दो भाग होंगे- भाग अ एवं भाग ब। भाग अ सभी परीक्षार्थियों के लिए अनिवार्य है परन्तु भाग ब के अंतर्गत शामिल 16 विषयों (1. हिंदी भाषा 2. अंग्रेजी भाषा 3. संस्कृत भाषा 4. उर्दू भाषा 5. गणित 6. भौतिक विज्ञान 7. जीव विज्ञान 8. रसायन विज्ञान 9. गृह विज्ञान 10. वाणिज्य 11. इतिहास 12. भूगोल 13. राजनीति शास्त्र 14. अर्थशास्त्र 15 कृषि 16.समाजशास्त्र) में से किसी एक विषय का चयन करना होगा। स्मरण रहे कि भाग अ के चार खंड (i. सामान्य हिंदी, ii. सामान्य अंग्रेजी, iii. सामान्य ज्ञान व समसामयिक घटनाक्रम, तार

MPPSC - 100 Questions

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग विशेष - 01 1. मध्यप्रदेश राज्य का गठन - 1 नवम्बर 1956 2. मध्यप्रदेश का वर्तमान स्वरुप - 1 नवम्बर 2000 3. मध्यप्रदेश का राजकीय पशु - बारहसिंगा (ब्रेडरी जाति) 4. मध्यप्रदेश का राजकीय पक्षी - दूधराज (पैराडाइज फ्लाई कैचर) 5. मध्यप्रदेश का राजकीय वृक्ष - बरगद कापेड़ 6. मध्यप्रदेश का राज्य पुष्प - सफ़ेद लिली 7. मध्यप्रदेश का राज्य खेल - मलखम्ब 8. मध्यप्रदेश की राज्य मछली - महाशीर 9. मध्यप्रदेश का राज्य नृत्य - राई 10. मध्यप्रदेश का राज्य नाट्य - माचा 11. मध्यप्रदेश की सीमा स्पर्श करनेवाले राज्य - (5) उ.प्र., महाराष्ट्र, छ.ग., राजस्थान, गुजरात(सबसे कम सीमा गुजरात से सबसे अधिक सीमा राजस्थान से) 12. मध्यप्रदेश में विधानसभा सीटें- 230 13. मध्यप्रदेश में लोकसभा सीटें - 29 14. मध्यप्रदेश में राज्यसभा सीटें -11 15. मध्यप्रदेश कि जलवायु - समशीतोष्ण मानसूनी 16. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला - छिन्दवाड़ा 17. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला - दतिया 18. देश का प्रथम आपदा प्रबंध संस्थान - भोपाल 19. देश का प्रथम मानव संग्रहालय (इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय)

भारत में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक लेखिका और कहानीकार के रूप में महिलाओं का योगदान

भारत में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक लेखिका और कहानीकार के रूप में महिलाओं का योगदान इस शोध पत्र में भारत में प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक लेखिका और कहानीकार के रूप में महिलाओं के योगदान का संक्षिप्त विश्लेषण करने की कोशिश के गयी है। जैसा कि हमें ज्ञात है कि भारतीय साहित्य का इतिहास महिला लेखकों और कहानीकारों के महत्वपूर्ण योगदान से भरा पड़ा है। प्राचीन भारत में जब स्त्रियों को घर के काम-काज तक सीमित रखा जाता था, तब भी कुछ ऐसी महिलाएं थीं जिन्होंने अपने समय में ज्ञान की ज्योति फैलाई और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं। वेद और उपनिषद जैसे प्राचीन ग्रंथों में गार्गी और मैत्रेयी जैसी कुछ ज्ञानी महिला ऋषियों का उल्लेख मिलता है। इन्होंने ज्ञान और बुद्धि के क्षेत्र में अद्वितीय मुकाम हासिल किया। इन्होंने दर्शन और धर्म पर गहन चर्चा की। हालांकि, इन महिलाओं के द्वारा रचित ग्रंथों का अधिकांश भाग समय के साथ खो गया है। गार्गी को बृहदारण्यक उपनिषद में याज्ञवल्क्य के साथ हुए एक संवाद के लिए जाना जाता है। इस संवाद में उन्होंने ब्रह्मांड की उत्पत्ति और अंत के बारे में गहन प